ट्रांसफार्मर का समानांतर संचालन | Parallel Operation of Transformers in Hindi

एक ट्रांसफॉर्मर लोड की आपूर्ति कर रहा है और यदि भविष्य में लोड बढ़ता है, तो आवश्यक क्षमता का एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर पहले ट्रांसफॉर्मर के साथ समानांतर [Parallel] में जोड़ा जाना चाहिए। इसके अलावा सबस्टेशनों में एक बड़ी क्षमता के ट्रांसफार्मर के स्थान पर आधी क्षमता के दो ट्रांसफार्मर का प्रयोग किया जाता है, ताकि ट्रांसफार्मर में खराबी आने पर कम से कम आधी क्षमता के ट्रांसफार्मर को बिजली उपलब्ध करायी जा सके.

समानांतर संचालन की शर्तें [Conditions of Parallel Operation]

सिंगल फेज ट्रांसफॉर्मर के संतोषजनक समानांतर संचालन के लिए निम्नलिखित शर्तों का पालन किया जाना चाहिए।

1) ट्रांसफॉर्मर की ध्रुवता [Polarity] सही होनी चाहिए ताकि दो सेकेंडरी वाइंडिंग्स का प्रेरित ईएमएफ [EMF] स्थानीय सर्किट में एक दूसरे का विरोध करे। यदि ध्रुवीयता [Polarity] सही ढंग से जुड़ी नहीं है, तो दो ईएमएफ [EMF] एक दूसरे की मदद करते हैं और एक शॉर्ट सर्किट करंट द्वितीयक [Secondary] के माध्यम से प्रवाहित होता है, जो प्राथमिक [Primary] और आपूर्ति के माध्यम से भी प्रवाहित होता है। यह शर्त बहुत आवश्यक है। इस शर्त के अनुपालन के बिना समानांतर संचालन [Parallel Operation] संभव नहीं है।

समानांतर संचालन की शर्तें

आरेख (1) में सही ध्रुवीयता [Polarity] और (2) में गलत ध्रुवीयता [Polarity] के कनेक्शन दिखाता है।

2) दोनों ट्रांसफार्मर की प्राथमिक [Primary] वाइंडिंग की रेटिंग आपूर्ति वोल्टेज से मेल खाना चाहिए और द्वितीयक [Secondary] वोल्टेज की रेटिंग समान होनी चाहिए। यानी वोल्टेज अनुपात [Ratio] समान होना चाहिए। जैसे अगर एक ट्रांसफार्मर 230/50 वोल्ट का है तो दूसरा भी 230/50 वोल्ट का होना चाहिए।

यह भी एक बहुत ही आवश्यक शर्त है अर्थात यदि यह शर्त पूरी नहीं होती है तो समानांतर संचालन संभव नहीं है। लेकिन अगर वोल्टेज अनुपात [Ratio] में थोड़ा सा अंतर है, तो यह चल सकता है लेकिन एक परिसंचारी [Circulating] धारा द्वितीयक के माध्यम से बहती है, जिससे एक ट्रांसफॉर्मर पर लोड बढ़ जाता है और दूसरे में लोड कम हो जाता है।

3) दोनों ट्रांसफॉर्मर का X/R अनुपात समान होना चाहिए। अन्यथा दोनों ट्रांसफार्मर अलग-अलग पावर फैक्टर पर काम करते हैं। यह स्थिति वांछनीय है। बिल्कुल आवश्यक नहीं है।

4) ट्रांसफार्मर की प्रतिबाधा [Impedance] इसकी KVA क्षमता के व्युत्क्रमानुपाती होनी चाहिए। यदि नहीं, तो दोनों ट्रांसफार्मर अपनी क्षमता के अनुपात [Capacity] में भार साझा नहीं करेंगे। यह स्थिति भी एक वांछनीय स्थिति है।

ध्रुवता परीक्षण [Polarity Test]

यह परीक्षण ट्रांसफार्मर की सही ध्रुवता निर्धारित करने के लिए किया जाता है।

1) दोनों ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक [Primary] वाइंडिंग को समानांतर [Parallel] में कनेक्ट करें।

2) एक ट्रांसफॉर्मर के सेकेंडरी के किसी एक सिरे को दूसरे ट्रांसफॉर्मर के सेकेंडरी के किसी एक सिरे से कनेक्ट करें।

3) शेष दो सिरों के बीच द्वितीयक [secondary] वाइंडिंग की रेटिंग से दोगुनी वोल्टेज रेटिंग का वोल्टमीटर कनेक्ट करें।

4) प्राथमिक [Primary] रेटेड वोल्टेज दें।

5) यदि वाल्टमीटर शून्य रीडिंग दिखाता है, तो जुड़े हुए सिरों की ध्रुवता [Polarity] सही होती है।

6) यदि वोल्टमीटर द्वितीयक [Secondary] के दोगुने वोल्टेज को दिखाता है, तो ध्रुवता [Polarity] सही नहीं है। इसके लिए द्वितीयक [Secondary] से जुड़े सिरों को उल्टा करने से ध्रुवता [Polarity] सही हो जाएगी।

Conclusion

तो Friend’s उम्मीद है, की ट्रांसफार्मर का समानांतर संचालन [Parallel Operation of Transformers in Hindi] ये आपको पता चल गया होगा और आपके सवालों का जवाब मिल गया होगा, अगर आपको अभी भी कोई सवाल है तो आप कमेंट कर के जर्रूर बताये और इलेक्ट्रिकल ke Related आपको कोई भी Question हो तो कमेंट [comment] करके जरूर बताये. और ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने FRIENDS को जरूर शेयर करे.

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