हेलो दोस्तों आज हम जानेगे की टैप चेंजर क्या है? और टैप चेंजर के प्रकार क्या है? तो आईये जानते है?
टैप चेंजर क्या है? [What is Tap Changer]
ट्रांसमिशन या डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में सिस्टम के वोल्टेज को कुछ हद तक बढ़ाने या घटाने के लिए ट्रांसफॉर्मर के टैप चेंजिंग की व्यवस्था रखी जाती है। हाई टेंशन वाइंडिंग के फेरों की संख्या कम करके लो टेंशन वाइंडिंग के वोल्टेज को बदला जा सकता है।
प्राथमिक वाइंडिंग के घुमावों को कम करने से वोल्ट प्रति मोड़ बढ़ जाता है जिससे द्वितीयक वोल्टेज बढ़ जाता है। इसी तरह, प्राथमिक वाइंडिंग के घुमावों को बढ़ाने से वोल्ट प्रति मोड़ घट जाता है और द्वितीयक वोल्टेज घट जाता है। हाई टेंशन साइड में करंट की लागत कम होती है इसलिए टैप बदलने वाले गियर का आकार छोटा रखना पड़ता है। इसलिए टेप चेंजिंग सिस्टम को हाई टेंशन साइड में रखा जाता है।
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टैप चेंजर के प्रकार क्या है? [Types of Tap Changer]
टेप चेंजिंग सिस्टम दो प्रकार का होता है।
1) ऑफ लोड टैप चेंजिंग [Off Load Tap Changing]
2) ओन लोड टैप चेंजिंग [On Load Tap Changing]
दोस्तों, चलो टेप चेंजिंग के प्रकार के बारे में विस्तृत में जानते है
1) ऑफ लोड टैप चेंजिंग [Off Load Tap Changing]
इस तरह से टेप चेंजिंग के लिए लोड को बंद करते है। और ट्रांसफार्मर को सप्लाई साइड से डीसकनेक्ट किया जाता है। टेप चेंजिंग के बाद लोड को ट्रांसफार्मर की सप्लाई से जोड़ दिया जाता है। ऑफ लोड टैप चेंजर्स का उपयोग जहां निरंतर बिजली की आवश्यकता नहीं वहा किया जाता है।
कुछ कॉइल के सिरों को बाहर निकालकर स्विच के पार ले जाया जाता है। इसे टैपिंग कॉइल कहा जाता है। इन कोइल को सिरों के बजाय अंग के केंद्र में रखा जाता है। इसलिए वाइंडिंग का चुंबकीय संतुलन बना रहता है।टेप कॉइल को थ्री -फेस स्टार में ट्रांसफार्मर के अंत की ओर रखा गया है।
वोल्टेज भिन्नता की मानक सीमा 10% है। इसलिए यदि चार टेप रखे जाते हैं, तो परिवर्तन +_2.5% और +_5% होता है। यानी सामान्य वोल्टेज 95%, 97.5%, 100%, 102.5% और 105% है। लिंक और स्विच की मदद से ऑफ लोड चेंजिंग किया जाता है। क्रैंक स्पिंडल का उपयोग किया जाता है।
2) ओन लोड टैप चेंजिंग [On Load Tap Changing]
ओन लोड टैप चेंजिंग पर centre repd रिएक्टर और स्विच और मूविंग contact का उपयोग किया जाता है।
रिएक्टर आधे के माध्यम से विपरीत दिशा में लोड करंट प्रवाहित होता है, इसलिए इसके आर-पार कोई महत्वपूर्ण वोल्टेज ड्रॉप नहीं होता है।
टैप बदलने के लिए पहले स्विच A खोलें। संपर्क B को 1 से 2 पर लाएँ और A को बंद करें। इस बार ऊपरी coil रिएक्टर के समानांतर है और वोल्टेज भिन्नता 1 और 2 के बीच है।
अब स्विच B खोलें। इस प्रकार टैप को 1 से 2 पर लाया जाता है। लोड किसी भी स्थिति में बिजली प्राप्त करना बंद नहीं करता है। लोड टैप बदलने पर संपर्क मैन्युअल रूप से या मोटर संचालित होते हैं।
Conclusion
तो Friend’s उम्मीद है, की टैप चेंजर क्या है? और टैप चेंजर के प्रकार क्या है? [What is Tap changer and Types of Tap Changer] ये आपको पता चल गया होगा और आपके सवालों का जवाब मिल गया होगा, अगर आपको अभी भी कोई सवाल है तो आप कमेंट कर के जर्रूर बताये और इलेक्ट्रिकल ke Related आपको कोई भी Question हो तो कमेंट [comment] करके जरूर बताये. और ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने FRIENDS को जरूर शेयर करे.
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