हेलो दोस्तों ट्रांसफार्मर में होने वाली हानियां क्या है? और इसके प्रकार क्या है इसके बारे में जानकारी दी गयी है|
कोई भी मशीन हो उसमे कुछ न कुछ हानिया होती ही है तो आज हम जानेगे की ट्रांसफार्मर में क्या क्या हानिया होती है और उसके प्रकार क्या है तो आईये जानते है
Contents
ट्रांसफार्मर में होने वाली हानियां दो प्रकार की होती है ?
[1] लोहे की हानि [Iron Loss]
a) हिस्टेरीसीस लॉस [Hysteresis loss]
b) एड़ी करंट लॉस [Eddy current loss]
[2] तांबे का नुकसान [Copper Loss]
[1] लोहे की हानि [Iron Loss]
ट्रांसफार्मर के कोर में बिजली की कमी को आयरन लॉस कहा [Iron Loss] जाता है। कोर लोहे से बनी होती है, इसलिए इसमें बिजली की कमी को आयरन लॉस कहा जाता है।
आयरन लॉस दो प्रकार के होते हैं।
a) हिस्टेरीसीस लॉस [Hysteresis loss]
(b) एड़ी करंट लॉस [Eddy current loss]
(a) हिस्टेरीसीस लॉस [Hysteresis loss]
एक ट्रांसफॉर्मर के कोर में, कोर का चुंबकीय प्रवाह चुंबकीयकरण प्रवाह में वृद्धि के साथ बढ़ता है, लेकिन जब चुंबकीयकरण प्रवाह घटता है, तो प्रवाह उतना कम नहीं होता है, बल्कि कम हो जाता है। इस प्रभाव को हिस्टैरिसीस प्रभाव कहा जाता है। इससे बिजली की हानि होती है कोर में, जिसे हिस्टैरिसीस लॉस कहा जाता है।
यह खर्च निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है।
(A) कोर का पदार्थ
(B) चुंबकीय क्षेत्र घनत्व का अधिकतम मूल्य (Bmax)
(C) आपूर्ति की आवृत्ति ( f )
कोर सामग्री के रूप में, प्रवाह घनत्व और आवृत्ति किसी एक ट्रांसफार्मर में नहीं बदलती है, इस प्रकार का नुकसान स्थिर है।यह लोड पर निर्भर नहीं करता है यानी इस नुकसान का मान लोड में उतार-चढ़ाव के साथ नहीं बदलता है।
(b) एड़ी करंट लॉस [Eddy current loss]
प्रत्यावर्ती [Alternating current] धारा के कारण चुंबकीय क्षेत्र भी प्रत्यावर्ती होता है। इस वोल्टेज के कारण कोर में प्रेरित होता है और कोर के माध्यम से करंट प्रवाहित होता है। इसे एड़ी करंट कहा जाता है। इस एड़ी करंट के कारण कोर में शक्ति का नुकसान होता है। यह है एड़ी करंट लॉस हानि [Eddy current loss] कहलाती है।
यह हानि निम्न प्रकार से पदार्थ पर निर्भर करती है।
(a) चुंबकीय क्षेत्र घनत्व का अधिकतम मूल्य (Bmax)
(b) आपूर्ति की आवृत्ति [f]
(c) कोर लेमिनेशन की मोटाई [t]
यह नुकसान भी लोड पर निर्भर नहीं है।
संक्षेप में लोहे की हानि कोर में शक्ति की हानि है और यह हानि भार से स्वतंत्र है।
[2] तांबे का नुकसान [Copper Loss]
ट्रांसफार्मर के वाइंडिंग तार तांबे के बने होते हैं। प्राथमिक वाइंडिंग [Primary Winding] और द्वितीयक वाइंडिंग [Secondary Winding] में प्रतिरोध होता है। इसे क्रमशः R1 और R2 द्वारा दर्शाया जाता है। यदि प्राथमिक वाइंडिंग और द्वितीयक वाइंडिंग में धाराएँ क्रमशः I1 और I2 हैं तो कुल नुकसान है I [ I1^2 R1+I2^2 R2 ] के बराबर। Loss का प्रकार भार पर निर्भर है।
तो अगर भार दोगुना हो जाए तो यह loss चौगुना हो जाता है
Conclusion
तो Freinds उम्मीद है, की ट्रांसफार्मर में होने वाली हानियां क्या है ? और इसके प्रकार क्या है ? ये आपको पता चल गया होगा और आपके सवालों का जवाब मिल गया होगा, अगर आपको अभी भी कोई सवाल है तो आप कमेंट कर के जर्रूर बताये और इलेक्ट्रिकल ke Related आपको कोई भी Question हो तो कमेंट [comment] करके जरूर बताये और ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने FRIENDS को जरूर शेयर करे.
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