CT और PT क्या है? | What is C.T and P.T

हेलो दोस्तों आज हम CT और PT क्या है ? CT और PT में क्या अंतर है? वो जानेगे तो आईये जानते है ? करंट ट्रांसफार्मर (CT) और पोटेंशियल ट्रांसफार्मर (PT) को इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर (Instrument Transformer) कहा जाता है करंट ट्रांसफार्मर और पोटेंशियल ट्रांसफार्मर को इंस्ट्रूमेंट ट्रांसफार्मर कहा जाता है क्युकी करंट ट्रांसफार्मर और पोटेंशियल ट्रांसफार्मर के द्वारा हाई करंट और हाई वोल्टेज मेजर किया जाता है 

CT क्या है? [What is Current Transformer]

जिस ट्रांसफॉर्मर का उपयोग एमीटर, वाटमीटर या एनर्जी मीटर की करंट कॉइल रेंज को बढ़ाने के लिए किया जाता है, उसे करंट ट्रांसफॉर्मर (C.T) कहा जाता है।

कोईभी सर्किट में जब करंट फ्लो होता है तब उस करंट को मेजर करने के लिए करंट ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है, करंट ट्रांसफॉर्मर की मदद से करंट को Step down किया जाता है।

Current Transformer

CT कैसे काम करती है? [How does CT work?]

करंट ट्रांसफॉर्मर का एक अनुपात (Ratio) होता है जिसे CT अनुपात (Ratio) कहा जाता है। जैसे 200-100-5A, 300-150-5A आदि। करंट ट्रांसफार्मर (CT) सर्किट के करंट को माप कर, यदि अधिक करंट है, तो यह इसे अपने अनुपात (Ratio) के अनुसार कम कर देता हैs और इसे सर्किट में आउटपुट कर देता है।

How does CT work

CT की सेकेंडरी वाइंडिंग शोर्ट क्यों रखते है?

करंट ट्रांसफार्मर (CT) की सेकेंडरी वाइंडिंग कभी भी खुली (open) नहीं रहती है क्योंकि यह एक Step Up टाइप ट्रांसफार्मर है। जब एमीटर (Ammeter) को ट्रांसफॉर्मर के सेकेंडरी साइड से नहीं जोड़ा जाता है, तो उसमें करंट शून्य होगा। लेकिन (emf) इलेक्ट्रो मोटिव फोर्स ज्यादा होगी। अगर सेकेंडरी वाइंडिंग खुली (open) है यानी बिना लोड (load) के तो उसमें करंट बहुत बढ़ जाएगा। जिससे आउटपुट को हाई वोल्टेज मिलेगा। इसीलिए इसकी सेकेंडरी वाइंडिंग को short रखा जाता है।

PT क्या है? [What is Potential Transformer]

वह ट्रांसफॉर्मर जो वोल्टमीटर या वाटमीटर या एनर्जी मीटर के प्रेशर कॉइल की रेंज को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है, पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर (PT) कहलाता है।

कोईभी सर्किट में जब वोल्टेज फ्लो होता है तब उस वोल्टेज को मेजर करने के लिए पोटेंशियल ट्रांसफार्मर (PT) का उपयोग किया जाता है, पोटेंशियल ट्रांसफार्मर (PT) की मदद से वोल्टेज को नीचे ले (Step Down) जाया जाता है।

Potential Transformer kyaa hai

PT कैसे काम करती है? [How does PT work?]

PT (पोटेंशियल ट्रांसफॉर्मर) अनुपात (Ratio) के अनुसार इसे नियंत्रित करके एक उच्च वोल्टेज को लाइन में आउटपुट करता है। यह ज्यादातर ट्रांसमिशन लाइनों में प्रयोग किया जाता है। ट्रांसमिशन लाइन में काफी वोल्टेज है। 11 केवी या 33 केवी के वोल्टेज को मापना आसान नहीं है, इसलिए पोटेंशियल ट्रांसफार्मर (PT) द्वारा वोल्टेज को कम किया जाता है और वोल्ट मीटर द्वारा मापा जाता है।

Three Phase power conductors

Conclusion

तो Friend’s उम्मीद है, की CT और PT क्या है? [ What is CT and PT] ये आपको पता चल गया होगा और आपके सवालों का जवाब मिल गया होगा, अगर आपको अभी भी कोई सवाल है तो आप कमेंट कर के जर्रूर बताये और इलेक्ट्रिकल ke Related आपको कोई भी Question हो तो कमेंट [comment] करके जरूर बताये. और ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने FRIENDS को जरूर शेयर करे.

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