हेलो दोस्तों आप सभीने मेरे अगले आर्टिकल में पढ़ा ही होगा की ट्रांसफार्मर क्या है उसका कार्य सिद्धांत क्या है और उसकी परिभासा क्या है ये सब हमने जाना और दोस्तों आज हम ट्रासंफार्मर के वर्गीकरण के बारे में जानेगे.
1) कोर के आधार पर
(a) शैल टाइप ट्रांसफार्मर [Shell Type Transformer]
(b) कोर टाइप ट्रांसफार्मर [Core Type Transformer]
2) आउटपुट वोल्टेज के आधार पर
(a) स्टेप अप ट्रांसफार्मर [Step-Up Transformer]
(b) स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर [Step-Down Transformer]
3) फेज के आधार पर
(a) सिंगल फेज ट्रांसफार्मर [Single Phase Transformer]
(b) थ्री फेज ट्रांसफार्मर [Three Phase Transformer]
4) इंस्ट्रूमेंट के आधार पर
(a) करंट ट्रांसफार्मर [Current Transformer]
(b) पोटेंशियल ट्रांसफार्मर [Potential Transformer]
5) वाइंडिंग के आधार पर
(a) टु वाइंडिंग ट्रांसफार्मर [Two Winding Transformer]
(b) ऑटो ट्रांसफार्मर [Auto Transformer]
Contents
1) कोर के आधार पर
(a) कोर टाइप ट्रांसफार्मर [Core Type Transformer]
कोर प्रकार के ट्रांसफार्मर के बीच में एक कोर होता है और इसके चारों ओर वाइंडिंग होती है।
(b) शैल टाइप ट्रांसफार्मर [Shell Type Transformer]
शेल प्रकार के ट्रांसफार्मर के बीच में और कोर के चारों ओर वाइंडिंग होती है।
2) आउटपुट वोल्टेज के आधार पर
(a) स्टेप अप ट्रांसफार्मर [Step-Up Transformer]
स्टेप-अप ट्रांसफार्मर में, द्वितीयक वाइंडिंग का वोल्टेज प्राथमिक वाइंडिंग की तुलना में अधिक होता है।
उदा. 230/440 V एक स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर है।
(b) स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर [Step-Down Transformer]
स्टेप डाउन ट्रांसफॉर्मर में सेकेंडरी वाइंडिंग का वोल्टेज प्राइमरी वाइंडिंग से कम होता है।
उदा. 1100/400 V एक स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर है।
3) फेज के आधार पर
(a) सिंगल फेज ट्रांसफार्मर [Single Phase Transformer]
एक फेज ट्रांसफॉर्मर सिंगल फेज सप्लाई पर काम करता है।इसकी एक वाइंडिंग प्राइमरी में और एक वाइंडिंग सेकेंडरी में होती है।
(b) थ्री फेज ट्रांसफार्मर [Three Phase Transformer]
जबकि एक थ्री फेज ट्रांसफॉर्मर थ्री फेज सप्लाई पर चलता है।इसमें प्राइमरी में तीन वाइंडिंग और सेकेंडरी में तीन वाइंडिंग होती हैं। प्राथमिक वाइंडिंग स्टार या डेल्टा में जुड़े होते हैं और द्वितीयक वाइंडिंग भी स्टार या डेल्टा में जुड़े होते हैं।
4) इंस्ट्रूमेंट के आधार पर
(a) करंट ट्रांसफार्मर [Current Transformer]
करंट ट्रांसफॉर्मर में, बहुत अधिक करंट को लो करंट में बदला जाता है।उदाहरण के लिए, यदि किसी सर्किट में 500 A का करंट प्रवाहित हो रहा है, तो इसे करंट ट्रांसफॉर्मर के साथ 5A तक ले जाया जा सकता है।सुरक्षा सर्किट में भी वर्तमान ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है।
(b) पोटेंशियल ट्रांसफार्मर [Potential Transformer]
एक संभावित ट्रांसफॉर्मर में, उच्च वोल्टेज को कम वोल्टेज में परिवर्तित किया जाता है। उदाहरण के लिए, 33000 वोल्ट को 110 वोल्ट में परिवर्तित करके, 33000 वोल्ट को केवल 150 वोल्ट रेंज के वोल्टमीटर से मापा जा सकता है। इसके अलावा, सुरक्षा सर्किट में संभावित ट्रांसफार्मर का उपयोग किया जाता है।
5) वाइंडिंग के आधार पर
(a) टु वाइंडिंग ट्रांसफार्मर [Two Winding Transformer]
टू-वाइंडिंग ट्रांसफॉर्मर में दो अलग-अलग वाइंडिंग होती हैं, प्राइमरी वाइंडिंग और सेकेंडरी वाइंडिंग। अधिकांश ट्रांसफॉर्मर इसी प्रकार के होते हैं।
(b) ऑटो ट्रांसफार्मर [Auto Transformer]
ऑटो ट्रांसफॉर्मर में कोर पर सिंगल वाइंडिंग होती है और उस पर टैपिंग से सेकेंडरी एंड लिया जाता है।इस प्रकार प्राइमरी और सेकेंडरी में वाइंडिंग का कुछ हिस्सा कॉमन होता है।
Conclusion
तो Freinds उम्मीद है, की ट्रांसफार्मर का वर्गीकरण ? [Classification of Transformer] ये आपको पता चल गया होगा और आपके सवालों का जवाब मिल गया होगा, अगर आपको अभी भी कोई सवाल है तो आप कमेंट कर के जर्रूर बताये और इलेक्ट्रिकल ke Related आपको कोई भी Question हो तो कमेंट [comment] करके जरूर बताये और ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने FRIENDS को जरूर शेयर करे.
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1 thought on “<strong>ट्रांसफार्मर का वर्गीकरण ? [Classification of Transformer]</strong>”