हेलो दोस्तों पहले के टाइम की बात करें तो बिजली के शुरुआती चरणों में D.C रूप का था. रासायनिक प्रभाव से बिजली पैदा करने के बाद डीसी जनरेटर का विकास किया गया. इसलिए शुरुआती दौर में डीसी जनरेटर का बहुत महत्व था. वर्तमान में बिजली का उत्पादन, वितरण और उपयोग एसी के रूप में होता है इसलिए डीसी जनरेटर का महत्व कम हो गया है,लेकिन डीसी वेल्डिंग आदि जैसे विशेष उपयोगों में उपयोग किया जाता है तो दोस्तों आइये हम जानते है की डीसी जनरेटर का सिद्धांत क्या है कैसे काम करता है और में आशा करता हु की इस आर्टिकल के जरिये आप जान जाओगे की डीसी जनरेटर का सिद्धांत क्या है ?
Contents
डीसी जनरेटर क्या है? | What is a Dc Generator?
एक ऐसा विद्युत जनरेटर जिसमें यांत्रिक ऊर्जा को DC विद्युत ऊर्जा में Convert किया जाता है उस जनरेटर को DC जनरेटर कह सकते है
डी.सी जनरेटर मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिक एनर्जी में रूपांतरित करता है
दोस्तों, दरअसल जनरेटर [Generator] में AC वोल्टेज ही उत्पन्न होती है,परन्तु Commutator के माध्यम से हम DC में Convert कर देते है,Commutator का प्रयोग उत्पन्न हुए एक VOLTAGE को DC VOLTAGE में बदलने के लिए करते है
Figure
डीसी जनरेटर का कार्य सिद्धांत ? | Working Principle of Dc Generator?
दोस्तों DC Generator की बात करें तो ये फैराडे के इलेक्ट्रोमेग्नेटिक प्रेरण के सिद्धांत पर काम करता है, फैराडे के इलेक्ट्रोमेग्नेटिक प्रेरण के सिद्धांत से देखे तो जब किसी चालक को विद्युत क्षेत्र में घुमाया जाता है तो चालक में एक Voltage उत्पन्न हो जाती है,यह उत्पन्न वोल्टेज AC होती है जिसको कॉम्युटेटर के माध्यम से DC में कन्वर्ट[convert] करते है इस वजह से हमें DC Voltage प्राप्त होता है
आकृति में दिखाए गए चुंबकीय क्षेत्र में Coil abcd को क्लॉकवाइज़ दिशा में घुमाया जाता है,जब कंडक्टर ab और cd चुंबकीय क्षेत्र को काटता है, तो दोनों कंडक्टर में emf induced बाधित होता है,
e = B l v वोल्ट है
B = flux density Wb/m2 [ प्रवाह घनत्व Wb/m2]
l = कंडक्टर की लंबाई मीटर में
v = वाहक गति (m/s) है
आकृति में दिखाए गए coil Clockwise दिशा में घूमता है,कंडक्टर ab नीचे से ऊपर की ओर चलता है। अतः विद्युत बल की दिशा a से b तक होती है। जब कंडक्टर cd नीचे जाता है, तो उसमें इलेक्ट्रोमोटिव बल की दिशा c से d तक होती है। कंडक्टर bc चुंबकीय क्षेत्र के समानांतर चलता है इसलिए इसके द्वारा कोई चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न नहीं होता है इसलिए इसमें कोई विद्युत बल उत्पन्न नहीं होता है।
पहली [First] उंगली [Fingered] चुंबकीय क्षेत्र की दिशा में रखी जाए और अंगूठा कंडक्टर के घूमने की दिशा में रखा जाए, तो मध्यम उंगली विद्युत वाहक बल की दिशा को बताएगी।
Also read : AC और DC में क्या अंतर [difference] है? | Difference between A.C and D.C
Conclusion
तो friend’s उम्मीद है की डीसी जनरेटर क्या है और डीसी जनरेटर का कार्य सिद्धांत क्या है ? ये आपको आसानी से पता चल गया होगा और आपके सवालों का जवाब मिल गया होगा, अगर आपको अभी भी कोई सवाल है तो आप कमेंट कर के जरूर बताये और इलेक्ट्रिकल ke related आपको कोई भी question हो तो जरूर कमेंट [comment] करके जरूर बताये. और ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो अपने FRIENDS को जरूर शेयर [share] करें.
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